अभिव्यक्ति की आजादी एक मूल मानव अधिकार है| कई देशो ने अपने नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी दी हैं, ताकि वे अपने विचारों को व्यक्त करके साझा कर सकें तथा विभिन्न मामलों पर अपनी राय दे सकें | अभिव्यक्ति की आजादी एक तर्कशील चर्चाओं को प्राथमिकता देती है, जो देश और समाज के विकास के लिएबहुत ही उपयोगी होती है | देश की राजनीतिक व्यवस्था के बारे में एक राय व्यक्त करने का महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है | शासन व्यवस्था को यह जब भान हो जाता है कि उनके चल पर निगरानी हो रही है, तब शासन व्यवस्था जिम्मेदारी भरे कार्यो से निर्वाह करने लगती हैं।
किन्तु, कुछ देश की सरकारें ऐसी भी है, जो अपने नागरिकों को यह आवश्यक मानव अधिकार भी प्रदान नहीं करती है और अपने स्वयं के स्वार्थी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दमनकरी नीति अपनाती है |
जैसे कि बेलारूस: यह ऐसा देश है जो बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान नहीं करता है। लोग अपनी राय बता नहीं सकते या सरकार के काम की आलोचना नहीं कर सकते। बेलारूस में सरकार या किसी राजनीतिक मंत्री की आलोचना करना कानूनन अपराध है।
भारत में अभिव्यक्ति की आजादी
भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी प्राप्त है |
विचारों को व्यक्त करने की आजादी है | साथ ही सरकार, राजनीतिक गतिविधि और नौकरशाही के प्रति भी व्यक्तिगत विचार प्रकट किया जा सकता है | हालांकि, नैतिक आधार, सुरक्षा और उत्तेजना पर अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित किया जा सकता है |
अभिव्यक्ति की आजादी मीडिया को उन सभी ख़बरों को छापने या साझा करने की शक्ति देती है, जो देश और दुनिया भर में चल रहे है। मीडिया के इस सेवा से लोग जागरूक बनते हैं और देश-दुनिया की नवीनतम घटनाओं के जुड़ा हुआ महसूस करते हैं | भारतीय संविधान में स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लेख किया गया है |

Introduction:
मेरा नाम इशाद शेख है।
मैं टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोसिअल साइनस के एम- पॉवर ग्रंथालय अध्ययन केंद्र में प्रबंधक के रूप में कार्यरत हूँ। मैने हिंदी साहित्य में एम.ए किया है। मुझे कविता कहानी, कथा लिखने में रुचि है। ऊर्ज से जुड़े ने से विभिन्न क्षेत्रों के पहलुओं पर सोचने – विचारने, विचारों को प्रकट करने और साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ।